गोधूलि के सन्नाटे में, जहाँ परछाइयाँ नाचती और खेलती हैं,
एक अकेली लड़की सारा दिन सोच में डूबी बैठी रहती है।
उसका दिल, एक बगीचा, जो कभी फूलों से भरा होता था,
अब वह सूख गई है, बंजर हो गई है, क्योंकि उसकी उम्मीदें खत्म हो गई हैं।
हवा, एक फुसफुसाहट, पेड़ों के बीच सरसराहट करती है,
मानो इसने केवल खुश करने के लिए कोई रहस्य बताया हो।
सूरज, एक सुनहरी चमक, जो फीकी पड़ जाती है,
उसे रात और दिन अंधेरे में छोड़ देता है।
उसकी आँखें, नीलमणि के तालाब की तरह, गहरी और चौड़ी,
उस खालीपन को प्रतिबिंबित करें जो रहता है।
उसकी आत्मा, एक लौ, जो धीमी और मंद टिमटिमाती है,
एक गर्मजोशी, एक प्यार, शांत करने और ट्रिम करने की चाहत रखता है।
घड़ी, टिक-टिक करती धड़कन, एक निरंतर अनुस्मारक,
समय का, एक चोर, जो उसकी जवानी और गौरव चुरा लेता है।
रेत के कण की तरह फिसलते जा रहे हैं ये लम्हे
उसे कुछ भी नहीं, बल्कि एक सुनसान भूमि के साथ छोड़ दो।
उसके सपने, एक क्षणभंगुर दृष्टि, जीवन की,
जहां प्यार और हंसी, उसकी रोजमर्रा की कलह है।
लेकिन इस दुनिया में, जहां वह बिल्कुल अकेली है,
उसका दिल, एक नाजुक चीज़, प्रायश्चित करने के लिए छोड़ दिया गया है।
वीडियो में दिख रहा आदमी, कैमरा अपने एक दोस्त से क्लोज़अप होममेड ब्लोजॉब शूट करता है
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