गोधूलि के सन्नाटे में, जहाँ परछाइयाँ नाचती और खेलती हैं,
मनोहरता के दर्शन ने दिन को सुशोभित कर दिया।
एक महिला, एक सितारे की तरह गोरी और दीप्तिमान,
नीली पोशाक में, सुंदरता के साथ जो हमें दूर तक छोड़ देती है।
उसके बाल सुनहरी नदियों की तरह चौड़े होकर बह रहे थे,
उसकी त्वचा, खड़िया के समान, चिकनी और चमकीली है।
उसकी आँखें, नीलमणि की तरह, कोमल गर्व से चमक उठीं,
और उसके होंठ, गुलाब की तरह, मीठी ख़ुशी से खिल उठे।
उसका रूप, कविता की तरह, अनुग्रह के साथ चलायमान था,
उसके कदमों से, संगीत की तरह, जगह भर गई।
वह आंतरिक प्रकाश से चमक उठी, कला का एक सच्चा नमूना,
एक उत्कृष्ट कृति, एक रत्न, दिल का खजाना।
नीली पोशाक, कैनवास की तरह, उसके चेहरे को ढाँक रही थी,
उन रंगों के साथ जो उसकी सुंदरता की शोभा बढ़ाते हैं।
यह शैली, एक कविता की तरह, शालीनता और शिष्टता के साथ प्रवाहित होती है,
इससे उसकी आंतरिक सुंदरता का पता चलता है।
डूबते सूरज ने, आग की तरह, आकाश को रोशन कर दिया,
और उसके प्रकाश में उसका सौन्दर्य निखर उठा।
और जैसे ही तारे एक-एक करके प्रकट हुए,
वह हीरे सी चमकी, रात की इकलौती।
पतली पत्नी को अपनी पैंटी उतारने और पहले व्यक्ति को चोदने की अनुमति दी गई
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