गोधूलि के सन्नाटे में, जहाँ परछाइयाँ नाचती और खेलती हैं,
एक युवती गोरी, मखमली भूरे रंग के गाउन में,
उसकी सुंदरता सूर्योदय की तरह, उज्ज्वल और बोल्ड,
वह शालीनता के साथ चली, उसका दिल सोने से भरा था।
उसकी पोशाक, कला का एक नमूना, चमकीले रंगों के साथ,
कपड़े की उत्कृष्ट कृति, खुशी से सिला हुआ,
कपड़ा नदियों की तरह बहता था, मुलायम और मुक्त,
जैसे ही वह आगे बढ़ी, पोशाक खुशी से चमक उठी।
उसके बाल, जैसे काता हुआ सोना, नीचे की ओर लटक रहे थे,
महिमा का मुकुट, प्रत्येक कतरा एक मुकुट,
उसकी आँखें, नीलमणि की तरह, चमकदार और नीली चमक रही थीं,
जैसे ही वह नए सिरे से चली, खुशी से चमक उठी।
उसके हाथ में एक छत्र, नाजुक और हल्का,
उसे सूरज की कठोर, सुनहरी रोशनी से बचाया,
जब वह टहल रही थी, उसकी हँसी, संगीत की तरह गूंज रही थी,
खुशी का एक राग, जो गाता रहा और चिपक गया।
प्रत्येक कदम के साथ, उसने अनुग्रह का एक निशान छोड़ा,
सुंदरता का एक पथ, उसके मद्देनजर,
क्योंकि उसकी उपस्थिति में, सब कुछ प्रकाश में नहाया हुआ था,
और दुनिया, एक उज्जवल जगह, ने उड़ान भरी।
कार्यालय में कामुक श्यामला बॉस को गहरा मुख-मैथुन करती है
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