गोधूलि के सन्नाटे में, जहाँ परछाइयाँ नाचती और खेलती हैं,
एक युवती मेला, जिसका हृदय बहुत निराशा से भरा है,
उसकी आँखें, रात के तालाबों की तरह, बहुत गहरी और भूरी,
उस दुःख को प्रतिबिंबित करें जिससे उसकी आत्मा हिल जाती है।
उसके होंठ, बहुत भरे हुए और लाल, अब पीले और पतले,
उसकी त्वचा, बहुत चिकनी और गोरी, अब अंदर से चमकने लगी है
दुःख की रेखाएँ, और आँसू, और अंतहीन दर्द,
एक सौंदर्य, जो कभी इतना उज्ज्वल था, अब अभिशाप के कारण धूमिल हो गया है।
उसके सुनहरे चमकीले बाल अब आपस में जुड़ गए हैं
सरू के पेड़, मानो शोकाकुल मंदिर में हों,
और उसकी आँखों में दुःख की गहराई तैरती है,
एक ख़ूबसूरती, अंतहीन, दुःख भरी झरनों में खोई हुई।
हवा, धीमी गति से फुसफुसाती है, एक शोकपूर्ण धुन,
मानो उसे पता हो, उसका हृदय कितना उदासी से भरा हुआ है,
और दूर, एक अकेला पक्षी गाता है,
एक राग, इतना प्रेतवाधित, इतना लालसा से भरा हुआ।
बिस्तर पर लेस्बियन संभोग सुख के लिए एक-दूसरे की गीली फांकों को चाटती हैं
वीडियो का विवरण