फूलों के बगीचे में, एक युवती का मेला,
झिलमिलाती हवा के गाउन में सजी हुई,
गुलाबी रंग की पंखुड़ियाँ और नीले आसमान के साथ,
उसने शालीनता से कहा, उसकी सुंदरता सच्ची है।
उसके सुनहरे बाल, जैसे सूर्यास्त के रंग,
नीचे झरना, लहरों में नए सिरे से,
उसके होंठ, गुलाब, बहुत नरम और मीठे,
अपने नाजुक व्यवहार के लिए सभी को आमंत्रित कर रही हूं।
उसकी आँखें, तालाब जैसी, बिल्लौरी चमकीली,
चकाचौंध रोशनी से प्रतिबिंबित होता सूरज,
उसकी मुस्कान, शुद्ध प्रसन्नता की किरण,
अपनी मनमोहक दृष्टि से सबको प्रकाशित कर रही है।
स्वप्निल आनंद के इस बगीचे में,
वह हर कदम पर शालीनता से नाचती रही,
उसकी पोशाक, एक कलाकृति, दिव्य कला की,
सुंदरता की एक उत्कृष्ट कृति, बहुत बढ़िया।
हवा, धीमी आवाज़ में फुसफुसाई,
"यह युवती, एक दृष्टि है, पसंद की,"
और सबने, जिसने देखा, उसकी सुन्दरता,
मोहित हो गए, उसके सौन्दर्य के जादू से।
तो आइए हम उसकी उज्ज्वल चमक का आनंद लें,
और उसकी सुंदरता के जादू का आनंद उठाओ,
इस लड़की के लिए, उसकी पोशाक बहुत अच्छी है,
एक दृष्टि है, शुद्ध, निर्मल, चमक की।
गोरे ने काले आदमी को कार और घर दोनों जगह गहरे गर्म मुँह में चीज़केक दिया
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