घर पर अकेली दुखी लड़की,
आँसू गिरते हैं, किसी को पता नहीं चलता।
वह रोती है, उसका दिल दुखता है,
अकेली, उसकी आत्मा दुखती है।
हवा उसका नाम फुसफुसाती है,
उसका दिल धड़कता है, उसका दर्द।
वह बैठती है, उसके विचार भटक जाते हैं,
उसके आँसू, उसकी शर्म बनी रहती है।
सूरज डूबता है, उसका दिन,
उसकी रात, उसका दर्द.
वह रोती है, उसका दिल हिल जाता है,
उसके आँसू, उसकी व्यथा बनी रहती है।
तारे टिमटिमाते हैं, उसकी आँखें,
उसके आँसू, उसका आश्चर्य।
वह आहें भरती है, उसका हृदय आहें भरता है,
उसके आँसू, उसकी आहें।
चाँद चमकता है, उसकी रोशनी,
उसका दिल धड़कता है, उसकी दृष्टि।
वह रोती है, उसका दिल रोता है,
उसके आंसू, उसकी नींद.
बारिश गिरती है, उसके आँसू,
उसका दिल धड़कता है, उसका डर।
वह बैठती है, उसके विचार भटक जाते हैं,
उसके आँसू, उसकी व्यथा बनी रहती है।
हवा उसका नाम फुसफुसाती है,
उसका दिल धड़कता है, उसकी शर्मिंदगी।
वह रोती है, उसका दिल दुखता है,
उसके आंसू, उसका दर्द.
सूरज उगता है, उसका दिन,
उसकी रात, उसका दर्द.
वह बैठती है, उसके विचार भटक जाते हैं,
उसके आँसू, उसकी व्यथा बनी रहती है।
तारे टिमटिमाते हैं, उसकी आँखें,
उसका दिल धड़कता है, उसका आश्चर्य।
वह आहें भरती है, उसका हृदय आहें भरता है,
उसके आँसू, उसकी व्यथा बनी रहती है।
चाँद चमकता है, उसकी रोशनी,
उसका दिल धड़कता है, उसका
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