घर पर अकेली दुखी लड़की,
आँसू गिरते हैं, उसका दिल कराह उठता है।
वह रोती है, उसकी आत्मा दुखती है,
अकेलापन ही उसका एकमात्र किनारा है.
उसकी आँखें, पहले चमकीली, अब धुंधली,
आँसू गिरते हैं, उसका दिल जीत जाता है।
उसका हृदय, एक बार प्रसन्नता से भर गया,
अब खाली है, उसकी आत्मा निकट है।
बाहर की दुनिया बहुत ठंडी है,
उसका दिल, इतना कमजोर, इतना बूढ़ा।
उसे प्यार की चाहत है, मिला नहीं,
उसकी आत्मा, इतनी खोई हुई, इतनी स्वस्थ।
उसकी आँखें, पहले चमकीली, अब भूरी,
आँसू गिरते हैं, उसके दिल की राह।
उसका हृदय, एक बार प्रसन्नता से भर गया,
अब खाली है, उसकी आत्मा निकट है।
बाहर की दुनिया, बहुत ठंडी,
उसका दिल, इतना कमजोर, इतना बूढ़ा।
उसे प्यार की चाहत है, मिला नहीं,
उसकी आत्मा, इतनी खोई हुई, इतनी स्वस्थ।
सुंदर रूसी प्रेमिका मुख-मैथुन करती है और वीर्य प्राप्त करती है
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