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एक अकेली लड़की घर पर अकेली,
उसका हृदय भारी है, उसकी आत्मा ठंडी है।
वह मौन बैठी है, उसके विचार अनकहे हैं,
उसका अकेलापन, एक गहरा अँधेरा तालाब।
वह खिड़की से बाहर देखती है, उसकी आँखें बहुत नीली हैं,
उसका दिल सच्चे प्यार की चाहत रखता है।
वह एक कोमल, प्यार भरे स्पर्श का सपना देखती है,
उसकी आत्मा एक कोमल स्पर्श के लिए तरस रही है।
अकेली लड़की घर पर अकेली,
उसका हृदय भारी है, उसकी आत्मा ठंडी है।
वह मौन बैठी है, उसके विचार अनकहे हैं,
उसका अकेलापन, एक गहरा अँधेरा तालाब।
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मुझे आशा है कि आपको यह तुकांत कविता पसंद आएगी!
बिस्तर में लेस्बियन एक दूसरे के बड़े स्तनों और मुंडा छेदों को सहला रही हैं
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