उदास लड़की, घर पर अकेली,
आंसू शरद ऋतु की बारिश की तरह गिरते हैं,
उसका दिल, एक भारी पत्थर,
उसे जंजीर की तरह तौलता है।
बाहर की दुनिया, धुंधली,
जैसे ही वह बैठती है, अपने डर में खोई हुई,
सन्नाटा, भारी कफ़न,
उसे घेर लेता है, उसकी खुशियाँ मिटा देता है।
यादें, एक खट्टा-मीठा दर्द,
उसे सताता है, एक प्रेमी की शरण की तरह,
खुशी, एक दूर का, लुप्त होता सपना,
ऐसा लगता है, उसे खोया हुआ और अकेला छोड़ देता है।
चाँद, चाँदी की चमक,
खिड़की से झाँकता है तो पता चलता है,
उसके दिल के राज,
और फुसफुसाते हुए कहते हैं, "सब ठीक हो जाएगा, मेरे प्रिय।"
लेकिन वह लड़की सुन नहीं सकती,
चंद्रमा की सौम्य, सुखदायक जयकार,
उसके दुःख के लिए, एक भारी बोझ,
चाँद की मधुर ख़ुशी को ख़त्म कर देता है।
एक युवा दवल्का ने नीग्रो से अपने छिद्रों का एक विशाल ट्रंक विकसित करने के लिए कहा
वीडियो का विवरण