एक अकेली लड़की घर पर अकेली,
उसका हृदय दुःख और विलाप से भर गया,
वह मानवीय स्पर्श की गर्माहट चाहती है,
लेकिन उसका जीवन खालीपन और सन्नाटे से भरा है।
हवा गरजती है और बारिश रोती है,
जैसे ही वह अपने अकेले घर में बैठी है,
उसका हृदय दुख और आँसुओं से भर गया,
जैसे वह मानवीय स्पर्श की गर्माहट की चाहत रखती है।
आग चटकती है और हवा आह भरती है,
जैसे ही वह अपने अकेले घर में बैठी है,
उसका हृदय लालसा और रोने से भर गया,
जैसे वह मानवीय स्पर्श की गर्माहट की चाहत रखती है।
आकाश में तारे टिमटिमाते हैं,
जैसे ही वह अपने अकेले घर में बैठी है,
उसका हृदय उत्कंठा और आहों से भर गया,
जैसे वह मानवीय स्पर्श की गर्माहट की चाहत रखती है।
चाँद चमकता है और सूरज उगता है,
जैसे ही वह अपने अकेले घर में बैठी है,
उसका हृदय लालसा और आहों से भर गया,
जैसे वह मानवीय स्पर्श की गर्माहट की चाहत रखती है।
सूरज डूबता है और चाँद उगता है,
जैसे ही वह अपने अकेले घर में बैठी है,
उसका हृदय लालसा और आहों से भर गया,
जैसे वह मानवीय स्पर्श की गर्माहट की चाहत रखती है।
हवा फुसफुसाती है और आग चटकती है,
जैसे ही वह अपने अकेले घर में बैठी है,
उसका वह
पेट के बल लेटी हुई श्यामला अपने प्रेमी को घर पर मुख-मैथुन कराती है
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