एकांत में वह रोती और कराहती है,
उसका दिल पत्थरों की तरह भारी है,
वह जो आंसू रोती है, शरद ऋतु की बारिश की तरह,
उसका दर्द धो दो, फिर भी दाग छोड़ दो।
उसकी आँखें, दुःख के गहरे तालाब की तरह,
उस खालीपन को प्रतिबिंबित करें जो वह रखती है,
उसकी आत्मा, एक रेगिस्तान, सूखी और नंगी,
प्यार की चाहत है, फिर भी कोई नहीं है।
यह हवा गरजती है, एक शोकपूर्ण ध्वनि,
मानो यह उसके दिल की गहराई को जानता हो,
पेड़, वे लहराते हैं, वे नाचते हैं और घूमते हैं,
लेकिन उसे कोई सांत्वना मत दो, कोई चक्कर मत दो।
उसके विचार, निराशा की गड़गड़ाहट,
एक भूलभुलैया से वह बच नहीं सकती,
उसके सपने, एक दूर की, लुप्त होती रोशनी,
एक उम्मीद जो टिमटिमाती है, फिर उड़ान भरती है।
तारे, वे टिमटिमाते हैं, ठंडे और चमकीले,
एक ब्रह्मांड जो विशाल और उज्ज्वल है,
लेकिन उसके दिल में एक अंधेरा रहता है,
एक अकेलापन जो कभी उपज नहीं पाता।
तो वह रोती है, और रोती है, और रोती है,
उसके आँसू, एक नदी, कभी नहीं सोते,
अपने अकेलेपन में, वह पाती है,
एक दर्द जो उसके मन से कभी नहीं जाता।
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