इस लड़की को घर में अकेले रहना पसंद है,
वह एक शांत आत्मा है, एकान्त स्वर है।
उसे अपने घर की शांति में शांति मिलती है,
जहां मौन एक मरहम है, एक मधुर स्वर है।
शांति में, वह अपना पाती है,
एक ऐसी जगह जहां वह अकेली रह सकती है.
जहाँ वह स्वयं रह सकती है, बिना किसी परवाह के,
एक ऐसी जगह जहां वह जागरूक रह सके.
बाहर की दुनिया बहुत शोरगुल वाली है,
बहुत अराजक, बहुत भीड़.
लेकिन अपने घर में उसे शांति मिलती है,
एक ऐसी जगह जहां वह रिलीज हो सके.
इसलिए वह घर पर ही रहती है, जहां वह रह सकती है,
शांति में, उसे अपनी चाबी मिल जाती है।
एक ऐसी जगह जहां वह खुद रह सकती है,
एक ऐसी जगह जहां वह आज़ाद हो सके.
बाहर की दुनिया बहुत शोरगुल वाली है,
बहुत अराजक, बहुत भीड़.
लेकिन अपने घर में उसे शांति मिलती है,
एक ऐसी जगह जहां वह रिलीज हो सके.
इसलिए वह घर पर ही रहती है, जहां वह रह सकती है,
शांति में, उसे अपनी चाबी मिल जाती है।
एक ऐसी जगह जहां वह खुद रह सकती है,
एक ऐसी जगह जहां वह आज़ाद हो सके.
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तुकांत कविता इस बारे में होनी चाहिए: यह लड़की घर में अकेले रहना पसंद करती है।
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