गोधूलि के सन्नाटे में, जहाँ परछाइयाँ नाचती और खेलती हैं,
एक युवती मेला, जिसमें दुःख का बोलबाला है,
दुख की सबसे अँधेरी रात में, उसकी आँखें सितारों की तरह,
अंतहीन लड़ाई में दिल के दर्द को प्रतिबिंबित करें।
उसके होंठ, जो कभी ओस में गुलाब की कलियों की तरह लाल थे,
अब पीली और पतली, जैसे पंखुड़ियाँ एक बार पीछा करती थीं,
उसकी त्वचा, जो कभी सफेद खड़िया जैसी चिकनी थी,
अब आँसुओं से चिह्नित, और अनंत शक्ति से भर गया।
उसके बाल, जो कभी सूरज की तेज़ किरणों की तरह सुनहरे थे,
अब सुस्त और बेजान, अस्त-व्यस्त तरीके से,
उसके कदम, जो कभी हरे रंग में परियों की तरह प्रकाशमान थे,
अब भारी, अदृश्य दुःख से दबा हुआ।
लेकिन फिर भी, उसकी सुंदरता चांदनी की तरह चमकती है,
अँधेरे में एक प्रकाशस्तंभ, एक मार्गदर्शक प्रकाश,
वह उसके आँसुओं से झलकता है, और इतना गोरा चमकता है,
प्यार का एक वसीयतनामा, और दिल तोड़ने का फंदा।
घर में क्लोज़ अप में चुदाई करने से आदमी अपनी पत्नी को चरमसुख तक पहुँचाने के लिए प्रेरित होता है
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