घर पर अकेली दुखी लड़की,
आंसू गिरते हैं, उसके दिल को ठंडक मिलती है।
वह दर्पण को देखती है,
उसका प्रतिबिम्ब, एक पीली छाया।
उसके ख्यालों में खोया हुआ,
वह खोया हुआ महसूस करती है,
उसका दिल डूब गया,
उसकी आत्मा, एक अँधेरा सागर.
बारिश रोती है,
हवा फुसफुसाती है,
उसकी उदासी,
एक हल्की सी हवा.
वह रोती है,
उसके आंसू,
दुःख की एक नदी,
अकेलेपन का सागर.
आकाश रोता है,
तारे छिप जाते हैं,
उसकी उदासी,
एक अँधेरी रात.
हवा आह भरती है,
उसका दिल रोता है,
उसका दुःख,
एक सौम्य आह.
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नोट: कविता एक उदास लड़की के बारे में है जो घर पर अकेली है, खोई हुई और अकेला महसूस कर रही है, और कविता का उद्देश्य लड़की की भावनाओं के साथ-साथ उदासी और अकेलेपन की सुंदरता को व्यक्त करना है।
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